जयपुर का पुराना नाम क्या है?
आइये आज हम जयपुर के बारे में जानेंगे जिसे पिंक सिटी या गुलाबी नगर के नाम से भी जाना जाता है। यह राजस्थान की राजधानी है । जयपुर का पुराना नाम आमेर है । इसकी स्थापना आंबेर के महाराजा जयसिंह द्वितीय के द्वारा1728 में किया गया था।
जयपुर को पिंक सिटी क्यों कहते हैं?
यह शहर अपने प्रभावशाली भवन निर्माण और अच्छी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है । जयपुर तीनों तरफ से अरावली पर्वतमाला से घिरा हुआ है । जयपुर के पुराने घरों में गुलाबी धौलपुरी पत्थर लगे हुए हैं । इन्हीं गुलाबी धौलपुरी पत्थरों एवं यहां के महलों से इसकी पहचान होती है । महाराज सवाई राम सिंह के द्वारा1876 में इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ प्रिंस ऑफ़ वेल्स युवराज अल्बर्ट के अभिनंदन में जयपुर को गुलाबी रंग से रंगवा दिया गया था । उसी समय से जयपुर को गुलाबी नगरी या पिंक सिटी के नाम से जाना जाता है ।
जयपुर को भारत का पेरिस क्यों कहा जाता है?
दीवारों एवं परकोटों से यह शहर चारों तरफ से घिरा हुआ है । इसके अंदर जाने के लिए सा दरवाजा है । इसके बाद एक और दरवाजा बना जिसे न्यू गेट कहते हैं । जयपुर लगभग 6 भागों में बंटा हुआ है जो 111 फुट 34 मीटर चौड़ी सड़कों से अलग है । जिसमें पांच भाग मध्य प्रासाद भाग को दक्षिणी, पूर्वी और पश्चिमी तरफ से घेरे हुए हैं । बिल्कुल पूर्व में छठा भाग बसा हुआ है । हवा महल, व्यवस्थित उद्यान और छोटी झील प्रासाद भाग में स्थित है । उत्तर पश्चिमी तरफ प्राचीन शह के पहाड़ी पर नाहरगढ़ दुर्ग गुलाबी नगर के मुकुट के जैसे शोभा बढ़ाती है । सवाई जयसिंह ने वेधशाला जंतर मंतर बनवाया है जो इसके ठीक मध्य भाग में स्थित है । यह शहर रजवाड़े के राजसी ठाठ बाठ के लिए भी प्रसिद्ध है । क्षेत्र की दृष्टि से जयपुर सबसे बड़े राज्य राजस्थान की राजधानी है ।
जयपुर क्यों फेमस है?
यहां के संस्कृति एकाएक आपके मन को मोह लेगी । इस शहर को आधुनिक शहरी योजनाकारों द्वारा सबसे नियोजित शहर बताया गया है । विद्याधर भट्टाचार्य जी जिन्होंने इमारतों के निर्माण की योजना बनाई उसे डिजाइन किया और उसकी देखरेख की उनका नाम आज भी लिया जाता है ।
मुझे जयपुर क्यों जाना चाहिए?
शहर के प्रमुख उद्योगों में संगमरमर, वस्त्र छपाई, धातु, हस्तकला, आभूषण और रत्न का आयात निर्यात एवं पर्यटन मौजूद है । गुलाबी नगर को भारत का पेरिस के नाम से भी जाना जाता है । जयपुर के वास्तु के बारे में लोग कहते है कि इस शहर को धागे से नापने से एक बाल के बराबर भी अंतर नहीं मिलेगा।
Pic Credit: Rajasthan Tourism X Handle