आप झारखण्ड जाने का मन बना रहे हैं पर क्या करें कुछ सवाल आपके दिमाग में कूदने लग रहा है।
दिमाग की बैटरी को डाउन करने वाले प्रश्न: झारखंड में मशहूर चीज क्या है? झारखण्ड में सबसे प्रसिद्ध क्या है? झारखंड में कौन कौन से तीर्थ स्थल है? झारखण्ड जाने से पहले अगर आप भी इन सवालों का जबाब चाहते हैं तो यह ट्रैवल ब्लॉग आपके लिए है। इस श्रेष्ठ यात्रा ब्लॉग में आप झारखण्ड के 10 पर्यटन स्थल के बारे में जानेंगे। इन टूरिस्ट प्लेस को झारखण्ड के टॉप पर्यटन स्थल में गिना जाता है। तो अपने बैटरी को चार्ज करने के लिए हो जाइये तैयार।
झारखण्ड का सबसे आकर्षक पर्यटन स्थल नेतरहाट
नेतरहाट झारखंड के लातेहार जिले में है। यह बहुत ही प्रसिद्ध टूरिस्ट प्लेस हैं। इसे झारखण्ड का सबसे आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है।यहां का प्राकृतिक वातावरण आपको दीवाना बना देंगे। नेतरहाट को झारखंड का शान भी कहा जाता हैं। यहां की प्रकृति बहुत ही प्यारी है। पर्यटकों को यहां बहुत ही सुन्दर दृश्य देखने को मिलता है। चारोंं तरफ हरा-भरा वातावरण आपका मन मोह लेंगे। यहां की सबसे आकर्षक चीज है पहाडियों में सूर्यास्त। इसकी सुंदरता का आनंद लेने का सबसे अच्छा अवसर देता है नेतरहाट की वादियां। यह रमणीय स्थान हैं। यहां देश भर के दर्शक का आना जाना लगा रहता हैं। विदेशी पर्यटक भी यहां खूब आते हैं।
अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल तिलैया डैम (तिलैया बांध)
तिलैया डैम कोडरमा जिले में हैं । तिलैया डैम झारखंड के बराकर नदी पर बनाया गया हैं। इसका निर्माण दामोदर घाटी परियोजना के अंतर्गत किया गया था। इसे सन 1953 में किया गया था। पर्यटन की दृष्टि से यह बेहद सुन्दर स्थान है। यह चारों तरफ हरी भरी नजारों से भरा हुआ है। यहां आपको चारों तरफ खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे।
खूबसूरत जंगल की सैर बेतला नेशनल पार्क (बेतला राष्ट्रीय उद्यान)
यह पलामू जिले में स्थित हैं । बेतला नेशनल पार्क देखने के लिए टूरिस्ट का तांता लगा रहता हैं । यहां पहाडियां ही पहाडियां हैं। कई किलोमीटर तक आपको सिर्फ हरा भरा पहाड ही पहाड। वनों का राज्य झारखंड का यह एक नेशनल पार्क हैं । यहां कई प्रकार के जंगली जानवर देखने का मिलता है। तेंदुआ, हिरण, बंदर, बाघ, हाथी को देखकर आप रोमांच से भर जाएंगे। ये सारे जंगली जानवर यहां पर खुले में घूमते दिखाई देते हैं । यहां घुमने का मजा की कुछ अलग है।
रांची का शिमला: पतरातू घाटी झारखण्ड (पतरातू वैली)
रांची का शिमला कहे जाने वाले पतरातु वैली आपके छुट्टियों को और यादगार बना देगा। यह रांची से पास ही है। ज्यादा दूर नहीं करीब 25 किलोमीटर पर। इतना तो वाहन से आने पर समय भी नहीं लगता क्योंकि जब आप यहां आते हैं तो प्राकृतिक वातावरण और चारों तरफ पहाड ही पहाड देखने में आप मस्त हो जाते हैं। खूबसूरत वादिंया आपको बुला रहीं हैं। जलेबी की तरह दिखने वाली सुन्दर घुमावदार सडकें डर से अधिक रोमांच पैदा करती हैंं। शिमला जाने की सोच रहे हैं तो भूल जाइये वहां पर जाने के लिए। कम पैसे में और अपने नजदिक घुमने का कहना ही क्या। कम पैसा में यहां पर आप पुरे परिवार के साथ भी आ सकते हैं। घरेलु पर्यटक तो यहां झुंंड झुंड आते हैं। विदेश पर्यटक भी आते हैं।
झारखण्ड का लंदन मैक्लुस्कीगंज
भारत में क्या नहींं है। लोग अपने देश को नहीं जानने के कारण विदेशों में घुमने जाते हैं। लंदन का मजा लेना है तो आप सीधे आ जायें रांची से 60 किलोमीटर की दूरी पर मैक्लुस्कीगंज। जो लोग यहां घुम लेते हैं वे इसे मीनी लंदन ही कहते हैं। यहां विदेशी शासन में रहने के लिए बडे बडे अफसर सपने देखते थे। इसे लेफ्टिनेंट मैकलुक्सी ने बसाया था। इस विदेशी को यह जगह इतना पसंद आया कि वह रातू के महाराजा से जमीन लिया। वहां पर नक्से बनाये। यहां 100 आलीशान बंगले बनवाये। अपना झारखंड को जो दिल में बैठा लिया बस यह उसी का हो गया। यहां पर वह विदेशी क्लब भी बनवाया। इसकी खूबसूरती है जंगल। यह जंगलों चारों तरफ से घीरा हुआ है। यहां पर आने वाले पर्यटकों की संख्या हजारों मेंं नहीं बल्कि लाखों में है। प्रतिवर्ष यहां लाखों लाख देशी और विदेशी पर्यटक घूमने आते हैं । इसे गोरों का गांव भी कहा जाता है।
झारखण्ड का धार्मिक स्थल देवघर
देवघर। मतलब पूजा, आरती, शान्ति। मैट्रि्क में जब पढ़ता था तो देवघर का समास विग्रह किया करता था। देवों का घर अर्थात् देवघर। इसमें कारक चिन्ह हैंं इसलिए यह कर्मधारय समास है। अब यह ब्लॉग के कर्म के काम भी आया। यह झारखंड का ही नहीं बल्कि पुरे भारत का एक लोकप्रिय धार्मिक स्थल हैं। यह 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक हैं । लोखों भक्त यहां पवित्र जल लेकर आते हैं और अपने मनोकामनाओं को पुरा करते हैं। यहां पर लोग जल ही चढ़ाने नहीं आते हैं कुछ लोग देखने के लिए भी आते हैं। एकांत और शान्त जगह चाहिए तो आ जायें यहां।
झारखण्ड का धार्मिक स्थल छिन्नमस्तिके मंदिर
यह रामगढ़ से माात्र 28 किलोमीटर दूर स्थित हैं । कम दूरी है। यहां के घरेलु पर्यटक तो यहां धार्मिक अनुष्ठान करने आते हैं। मंदिर दो नदियों के संगम स्थल पर है। यहां पर हर किसी की मनोकामनाएं पुरी होती हैं। हर भक्त यहां से कुछ न कुछ लेकर ही जाता है। मां अपने सभी भक्तों का वर पुरा करती हैं। भैरवी और दामोदर नाम से जाने वाली दो नदियों जहां संगम करती हैं वहां ही मां का वसेरा है। जो भी माता छिन्नमस्तिका को पवित्र दिल से अपनी मनोकामना कहता है मां उसे अवश्य ही पूरी करती हैं ।
जिला धनबाद का मैथन डैम
एक है बराबर की पहाडी। मगरमच्छ के आकार का। यह बिहार है। ये जो अभी बताये वो है बराबर की पहाडी। अब जो बताने जा रहा हूं वह है बराकर नदी। इसी के पावन तट पर स्थित हैं मैथन डैैम। यह वर्ष 1948 में दामोदर घाटी निगम द्वारा विकसित किया गया था । यह मैथन डैम 77 वर्ष का हो गया है। यह धनबाद लगभग 48 किलोमीटर दूर स्थित हैं ।
झारखंड राज्य की सबसे ऊंची पर्वत चोटी पारसनाथ पहाडी
यह पहाडियों की एक श्रृंखला हैं। पारसनाथ पहाडी झारखंड के गिरिडीह जिले में है। इसकी उच्चतम चोटी 1350 मीटर हैं । यह जैन धर्म के मानने वालों के लिए यह एक पवित्र स्थान है। यह उनका एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल केंद्र हैं । इसका संबंध जैन तीर्थंकर से है।
दलमा वन्यजीव अभयारण्य
हाथी हाथी और हाथी। केवल हाथी। अगर झारखंड में कहींं भी ऐसा नजारा देखने को मिले तो समझ लिजीए कि आप दलमा वन्यजीव अभयारण्य में हैं। यहां बडी संख्या में जंगली भारतीय हाथियों देखने को मिलते हैं। यह समुद्र तल से 3000 फीट पर है। पर्वत श्रृंखला, घने जंगलों और पर्वतों का ढलान देखने घुमने वालों के लिए मुख्य आकर्षण हैं।
झारखण्ड में घुमने के लिए सबसे अच्छा समय
पर्यटक यहां पर बिना कोई परेशानी के अक्टूबर से मार्च के बीच टूरिस्ट यात्रा कर सकते हैं।
इस टूरिस्ट ब्लॉग में झारखण्ड के सबसे खूबसूरत जगह के बारे में जाने। ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद।
Pic credit: Jharkhand Tourism X handle