Namaskar: Visit Bihar

Namaskar: Visit Bihar

बौद्ध धर्म पारिवारिक बंधन को रखता है मजबूत।

बौद्ध धर्म ने सतर्क संवाद पर बड़ा जोर दिया है। अपने विचारों को आत्‍म विश्‍वास के साथ व्यक्त करने और दूसरों के विचारों को सहानुभूति के साथ सुनने की कला हमें बुद्ध ने सिखाया है।

Namaskar: Visit Bihar

बोधगया का अनिमेष चैत्‍य जहां से बुद्ध ने बिना पलक झपकाये एक सप्‍ताह तक बोध‍िवृक्ष को देखा

बिना पलक झपकाये देखना। क्‍या आपने कभी किया है यह कार्य। किसी को बिना पलक झपकाये देखा है। अगर हां

Namaskar: Visit Bihar

बोधगया में पहला सप्‍ताह। जीवन की 12 कडियों वाला बुद्ध उपदेश

भगवान बुद्ध ने मूलत: कहा कि अविद्या ही जीवन की सारी परेशान‍ियों की जड है। अत: जीवन को सुखमय बनाने के लिए विद्या ही सबसे बड़ी कुंजिका है। इसलिए भगवान बुद्ध ने लगातार 45 वर्षों तक पैदल चलकर कठीन साधना से प्राप्‍त ज्ञान को बांटा।

Namaskar: Visit Bihar

बोधगया का मुचलिंद सरोवर जहां भगवान बुद्ध को सात बार लिपटकर सांप ने बारिश और ठंढ़ से बचाया

मुचलिंद नामक नाग जब देखा कि अचानक से बारिश होने लगी। भगवान बुद्ध ध्‍यान की अवस्‍था में बैठे हैं। उन्‍हें ठंढ़ लग रही है। वे तो लोक हित के लिए ही ज्ञान की प्राप्ति क‍िये हैं। उन्‍हें ठंढ़ न लगे, मच्‍छर न काटे, मक्‍खी भी परेशान न करे, किसी भी प्रकार से उन्‍हें कोई कष्‍ट न हो। कोई सांप या ब‍िच्‍छू भी उन्‍हें न काट सके।

Namaskar: Visit Bihar

300 किलो सोने का है महाबोधि‍ मंदिर का शिखर, ASI करती है देखरेख

मंदिर स्‍थापत्‍य कला में मंदिर के सबसे उपरे भाग को ‘शीर्ष’ या ‘शिखर’ कहा जाता है। थाईलैंड के राजा और वहां के बौद्ध लोगों ने इसे महाबोधि‍ मंदिर को दान दिया था। इसे बैंकाक से विशेष विमान से लाया गया था। कुछ लोग इसका वजन 290 किलो बताते हैं तो कुछ मिडीया रिपोर्ट में 289 किलो बताया गया है।

Namaskar: Visit Bihar

धुरुथु पोया दिवस: जब पहली बार भगवान बुद्ध श्रीलंका गये

ऐसा माना जाता है कि भगवान बुद्ध यहां पर यक्ष और नाग नामक दो समुदाय के बीच हो रहे मतभेद को दूर करने के लिए ही श्रीलंका आये थे। व‍े मह‍ियंगन नामक स्‍थल पर ही सबसे पहले पहुंचे। इस स्‍थल पर यक्ष और नाग नामक दो जनजातियां का बहुलता थी। यहीं भगवान बुद्ध का पहला यात्रा थी। यहां पर भगवान बुद्ध ने सुमन समन नामक जनजातिय नेता को धम्‍म की दिक्षा दिया

Namaskar: Visit Bihar

बोधगया: जहां राजकुमार सिद्धार्थ बने भगवान बुद्ध

बोधगया घुमने का अर्थ है कि पूरे व‍िश्‍व में भ्रमण करना। कुछ ही घटे में सभी बौद्ध देशों के कला, जीवन शैली और पहनावा से अवगत हो जाना। यहां पर कई देशों के बौद्ध मंदिरों को देखने से उन-उन देशों के वास्‍तुकला का ज्ञान होता है।

Namaskar: Visit Bihar

राजगीर का विश्‍व शान्ति स्‍तूप: आत्‍म शान्ति और आनंद दोनों एक स्‍थान पर

तीर्थयात्री अक्सर पहाड़ को चढ़ने के लिए …… उन्हें अपने आत्‍म शान्ति की खोज के रूप में विश्व शांति स्तूप तक पहुंचने का अवसर होता है।

Uncategorized, Namaskar: Visit Bihar

राजगीर का पांडु पोखर: प्राकृतिक सौन्‍दर्य, नौका विहार, महाभारत की यादें, घुडसवारी के साथ स्‍वादिष्टि भोजन भी

इसका संबंध महाभारत के पांडव से है। ऐतिहासिक स्‍थलों पर घुमना अपने प्राचीनकाल के गौरवशाली अतीत में एक बार पुन: भ्रमण करना है। यह स्‍थल एक प्रकार से टाइम मशीन की तरह है जो आपको कई हजार वर्ष पूर्व इतिहास के पन्‍नों का सैर कराता है।