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बोधगया में बुद्ध ने ब‍िताया बोध‍िवृक्ष के समीप प्रथम चार सप्‍ताह । जानें बुद्ध के चार सप्‍ताह की कहानी

पहली रात के प्रथम याम में प्रतीत्‍य-समुत्‍पाद का पहले अनुलोम मनन किया इसके बाद वे इसका प्रतिलोम मनन किया बोध‍िवृक्ष को देखा। बिना पलक झपकाये। ज्ञान प्राप्‍ति के बाद भगवान बुद्ध बोधगया में सात सप्‍ताह तक रहे। बुद्ध पूर्व से पश्चिम की ओर टहलते हुए बिताए। वे बौद्ध धर्म के सबसे गंभीर दर्शन अभिधम्‍म पर विचार किये।

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राजगीर का पांडु पोखर: प्राकृतिक सौन्‍दर्य, नौका विहार, महाभारत की यादें, घुडसवारी के साथ स्‍वादिष्टि भोजन भी

इसका संबंध महाभारत के पांडव से है। ऐतिहासिक स्‍थलों पर घुमना अपने प्राचीनकाल के गौरवशाली अतीत में एक बार पुन: भ्रमण करना है। यह स्‍थल एक प्रकार से टाइम मशीन की तरह है जो आपको कई हजार वर्ष पूर्व इतिहास के पन्‍नों का सैर कराता है।