500 साल पुराना हैं अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में भगवान श्री कृष्ण ने की थी पूजा
जयपुर में स्थित इस मंदिर का नाम अंबिकेश्वर महादेव मंदिर हैं । जयपुर को छोटी काशी भी कहा जाता है । यहां की नगरी माता पार्वती और भगवान शिव के जयकारों से गूंजती है । इस मंदिर के बारे में मानना है कि यह मंदिर लगभग 5000 साल पुराना हैं कहा जाता हैं कि इस मंदिर में स्वयं भगवान श्री कृष्ण पूजा किये थे ।
भोलेनाथ के इस मंदिर में स्वयं प्रकट
यह मंदिर जयपुर के आमेर में सागर रोड पर बसा हैं । यहां भगवान शिव के दर्शन के लिए लोग बहुत दूर – दूर से आते है । अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ था कोई इसे स्थापित नहीं किया था । यह शिवलिंग पृथ्वी की सतह से नीचे है । अंबिकेश्वर महादेव मंदिर की विशेषता यह है कि इस मंदिर मे सावन के महिने में पूरा ऊपर तक पानी भर जाता हैं । सावन के महिने में इस मंदिर में बहुत भीड़ रहती हैं । देश – विदेश हर जगह के लोग यहां भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं ।
मंदिर में नहीं हैं माता पार्वती, शिव मंदिर में पार्वती की जगह विराजमान हैं माता गायत्री
इस मंदिर का इलाका अंबिका वन के नाम से प्रसिद्ध था । भगवान विष्णु की प्रतिमा भी इस मंदिर में स्थित हैं । इस मंदिर में विराजमान भगवान शिव की पूजा कछवाह राजपूतों के कूल देवता के रूप में की जाती हैं । कछवाह राजपूतों की समाज की कूलदेवी जमवाय माता हैं । मंदिर में भगवान शिव के साथ माता पार्वती की प्रतिमा विराजमान नहीं है । अनुमान लगाया जाता हैं कि मंदिर में स्थापित नंदी जी की मूर्ति लगभग 3000 साल से भी अधिक पुरानी है । इस मंदिर में माता पार्वती नहीं हैं। शिव मंदिर में पार्वती की जगह विराजमान माता गायत्री हैं। इस मंदिर में हिंदी फिल्मों की शूटिंग भी होती हैं । धड़क, भूल भूलैया जैसे कई फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है । मंदिर के कुछ भाग फिल्म में दर्शाये जाते हैं ।
विश्व का एक मात्र एवं अनोखा मंदिर, जहां भगवान श्रीकृष्ण और मीरा हैं एक साथ
मीरा की कृष्ण भक्ति के किस्से तो आप अवश्य सुने होंगे। अब यह भी जान लिजीए कि यह विश्व में एक ऐसा मंदिर है जहां पर कृष्ण के साथ मीरा भी है। इस अनोखे मंदिर का दर्शन करने एक बार जयपुर अवश्य पधारें।
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